The Basic Principles Of Shiv chaisa
The Basic Principles Of Shiv chaisa
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सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
काशी में विराजे विश्वनाथ, नंदी ब्रह्मचारी ।
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
जय गिरिजा पति Shiv chaisa दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
त्रिपुरासुर सन shiv chalisa lyricsl युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
दिल्ली के प्रसिद्ध हनुमान बालाजी मंदिर
त्रिपुरारी की शरण में आओ चैन मिले जीवन का,
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पर होत shiv chalisa lyricsl है शम्भु सहाई॥
सुबह सुबह ले शिव का नाम, कर ले बन्दे ये शुभ काम
दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥